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Kaamyaab Lyrics


Mohan Kannan Kaamyaab

तू, कितना कामयाब
तू, चढ़ता अफताब
तू, नोट गिन जनाब
मेरा खून तेरा ख़्वाब
साले मेरी नींदों का
साले मेरी नींदों का
साले मेरी नींदों का
अब तू ही दे हिसाब
तू, कितना कामयाब...

रातों जाग के मेहनत की
जो होता है वो होनेे दो
तेरी मम्मी प्यार से कहती थी
बिटवा को और सोने दो
टुयूशन कार में जाएगा
एसी घर में खायेगा
मुन्ना तू बस बाल बना
ये तुझसे ना हो पाएगा
तू, आँखों का चिराग
तू, पैदा ही नवाब
साले मेरी नींदों का
अब तू ही दे हिसाब
तू, कितना कामयाब...
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